ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधिवेशन में जानाशीने सरकार ए सय्यदुल उलेमा सैयद अली नकी नक़वी “नक्कन” साहब किबला के बेटे और विश्व विख्यात स्कॉलर कई किताबो के राइटर,सर सैयद अकादमी के डायरेक्टर मौलाना डॉ अली मोहम्मद नक़वी साहब को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का नायब सद्र किया गया मुन्तख़ब

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तहलका टुडे टीम

कानपुर-जानाशीने सरकार ए सय्यदुल उलेमा सैयद अली नकी नक़वी नक्कन साहब किबला के बेटे और विश्व विख्यात स्कॉलर कई किताबो के राइटर,सर सैयद अकादमी के डायरेक्टर मौलाना डॉ अली मोहम्मद नक़वी साहब को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का नायब सद्र मुन्तख़ब किया गया,
भारत की सुप्रीम रिलिजियस अथॉरिटी आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नक़वी साहब और 1200 मकतबों के बोर्ड तंज़ीमुल मकातिब के सेक्रटरी हुज्जातुल इस्लाम मौलाना सैयद सफ़ी हैदर ज़ैदी साहब,सेव वक़्फ़ इंडिया के वाईस प्रेसिडेंट सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के चेयरमैन का शुक्रिया अदा करते हुए तमाम मिल्लत की खिदमत में मुबारक बाद पेश की है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधिवेशन के दूसरे सत्र में रात को चुनाव भी हुआ। इसमें मौलाना राबे हसनी नदवी लगातार छठवीं बार बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए। इसमें बिहार के मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी महामंत्री और बोर्ड के उपाध्यक्ष के तौर पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे शिया बुद्धिजीवी डॉ. सैयद अली नकवी को चुना गया।

इनके नामों की घोषणा रविवार को की गयी, इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्यों में साबिर अहमद, मोहम्मद यूसुफ अली, मुफ्ती मोहम्मद उबैदुल्लाह, मौलाना बिलाल हसन, ताहिर हकीम, फातिमा मुजफ्फर, अतिया और डॉ. निकहत परवीन को चुना गया। इन सभी का चुनाव आमसभा के सदस्यों ने किया।

आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट हों मुस्लिम’

एक बार फिर अध्यक्ष बनने के बनने के बाद मौलाना राबे हसनी नदवी ने अपने भाषण में मौजूदा दौर को देखते हुए मुस्लिम समाज को हिदायत दी कि वह आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट हों और इसका सामना करें. उन्होंने कहा कि किसी भी देश में अल्पसंख्यक समाज को ज्यादा फिक्र, तवज्जो और और मेहनत करने की जरूरत होती है. यह तब और बढ़ जाती है, जब अल्पसंख्यक समाज को कमजोर करने की कोशिशें सरकारों की तरफ से की जा रही हों.

जानें कौन हैं मौलाना राबे हसनी नदवी?

मौलाना मोहम्मद राबे हसनी नदवी सुन्नी इस्लामिक विद्वान हैं. दारुल उलूम नदवतुल उलमा के प्रमुख चांसलर, और अलामी रबीता अदब-ए-इस्लामी, रियाद (केएसएए) के कुलपति हैं. इनका जन्म 1 अक्टूबर 1929 को यूपी रायबरेली में हुआ था. दवी ने रायबरेली में अपने परिवार मकतब से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और उच्च अध्ययन के लिए दारुल उलूम नदवतुल उलमा में शामिल हो गए.

ओवैसी भी हुए बैठक में शामिल

इस बैठक में मुस्लिम समुदाय में कैसे कम खर्च में निकाह और तालीम को बेहतर किया जाए इस पर चर्चा हुई. इसमें मुस्लिम समुदाय की बेहतरी के एजेंडे को तय की जाएगी. कोरोना महामारी के बाद से अब तक बोर्ड की बैठक ऑनलाइन ही हो पाई थी लिहाजा बोर्ड में खाली हुए पद और कई सदस्यों के निधन के बाद नए सदस्यों को शामिल नहीं किया जा सका था. बैठक में गुजरात से लेकर पांडिचेरी तक. पश्चिम बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक के बोर्ड के सदस्य शिरकत कर रहे हैं. इस बैठक में देशभर के करीब 100 से ज्यादा उलेमा बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए. आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सदस्यों में से एक हैं.

1985 के बाद कानपुर में हो रही यह बैठक ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड में नए सदस्यों और समितियों में खाली चल रहे पदों पर नए पदाधिकारियों का चयन किया गया. इसके साथ ही ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अधीन काम करने वाली तमाम समितियों में नए सदस्यों को भी नामित किया गया,

2 दिनों तक चलने वाली इस बैठक में देश में मुसलमानों के जीवन को कैसे बेहतर बनाया जाए, इसको लेकर भी चर्चा की जाएगी. इस दो दिन की ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में शादी में हो रही फिजूलखर्ची को रोकने और दहेज का लेन-देन खत्म करने का एजेंडा रहेगा. इसके साथ ही मुसलमानों में निकाह को आसान बनाने की प्रक्रिया पर भी चर्चा होगी.

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