तहलका टुडे टीम/रिज़वान मुस्तफ़ा
लखनऊ-कुसुम कुसुम कुसुम बनी थी बन रही है भाजपा के लिए मुसीबत
किस्सा कई वर्ष पुराना है और भाजपा ने किस तरह से निपटाया एक सबक भी है।कटियार की कुसुम ,कल्याण की कुसुम,अब रामजन्म भूमि ज़मीन खरीद में कुसुम,
भगवा दल में बहुत सारे लाल चेहरे रहे हैं। गोविंदाचार्य-उमा भारती कांड से भाजपा जितनी जल्दी उबरी थी, उसके भाई विहिप दूसरे में उलझ गई थी।
तूफान के केंद्र में आक्रामक राम जन्मभूमि योद्धा, विनय कटियार थे, जिनके खिलाफ बाराबंकी की 13 वर्षीय कुसुम ने अपहरण और बलात्कार का आरोप लगाते हुए बाराबंकी की अदालत में मुकदमा दर्ज करवाया था,हाइ प्रोफाइल मामला बड़ा चर्चित रहा था,लेकिन सियासी पकड़ और लंगोट के मज़बूत सांसद विनय कटियार पर ये इल्ज़ाम का बुलबुला जायदा देर तक नही टिक सका था।
पूरे शहर में कहानी की धूम मची हुई थी और विहिप के उस वक्त फैजाबाद के सांसद ने खुलासे के दुष्परिणामों का मुकाबला करने के लिए कड़ी मेहनत की थी। कुसुम ने 29 मई को बाराबंकी मुंसिफ अदालत में गवाही दी कि विहिप सांसद उन आधा दर्जन लोगों में से एक हैं जिन्होंने उसके साथ बलात्कार किया था।
और 1 जून को लखनऊ में एक भीड़भाड़ वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आरोपों को दोहराया। कटियार जानता है कि वह मुश्किल में है। उनका कहना है कि वह “उच्चतम स्तर की जांच” का सामना करने के लिए तैयार हैं, और “अगर मेरी संलिप्तता के बारे में सबूत का एक टुकड़ा भी है, तो मैं राजनीति से इस्तीफा दे दूंगा”।
उनके महत्व को देखते हुए, आधिकारिक तंत्र भी कटियार के बचाव में आया है, बाराबंकी के एसएसपी एनएन सिंह ने दावा किया है कि कुसुम के पास एक ‘ढीला चरित्र’ था और उसे उसके बहनोई राम कुमार पाठक, एक स्थानीय लोक दल कार्यकर्ता द्वारा ‘शिक्षित’ किया गया था। कटियार पर ये आरोप लगाने के लिए।
इसे प्रमाणित करने के लिए, पुलिस के पास कुसुम की मेडिकल जांच रिपोर्ट है, जिसमें उसे एक व्यक्ति (एसआईसी) “संभोग की आदत” के रूप में वर्णित किया गया है। रिपोर्ट बताती है कि कुसुम असल में 17 साल की है।
लेकिन तथ्य यह है कि कुसुम का 8 फरवरी को उसके गृह गांव, अख्तियारपुर से चार लोगों द्वारा अपहरण कर लिया गया था, और केवल 17 मई को पुलिस छापे के दौरान स्थित थी। उसे चार दिन बाद उसके परिवार को सौंप दिया गया था।
कुसुम के अनुसार, उसके साथ अलग-अलग जगहों पर सामूहिक बलात्कार किया गया था-इनमें से, अयोध्या के एक घर में जहां कटियार दो मौकों पर उससे मिलने आया था। सच है, कुसुम की कहानी में तालमेल का अभाव है। दूसरी ओर, पुलिस का रवैया भी राजनीतिक दबाव के आगे झुकने के आरोप के प्रति खुला है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस (आई) की संयुक्त सचिव कृष्णा रावत कुसुम के मामले की काफी पैरवी की थी और यहां तक कि उनके लिए प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित की। रावत का कहना है कि उन्होंने राज्य के आतंक मुक्त होने के विहिप सरकार के दावे को बेनकाब करने के लिए कुसुम का मुद्दा उठाया है। वह कहती हैं: “सिर्फ इसलिए कि बलात्कार के मामले में उनका एक सांसद शामिल है, पूरी सरकार कुसुम को झूठा साबित करने में लगी है।” सेक्स, झूठ और बलात्कार?
अब फिर कुसुम का नाम राम जन्म भूमि की ज़मीन खरीद में आया जो चर्चा में बना हुआ है
बस्ती जिले के पठकापुर, बेलवा के रहने वाले हरीश पाठक अधिक पढ़े लिखे नहीं हैं. 25 फरवरी 2009 में इन्होंने चंद्र प्रकाश दुबे और प्रताप नारायण के साथ मिलकर साकेत गोट फार्मिंग नाम से एक कंपनी खोली. इसमें लोगों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. ऑफर दिया गया कि एक यूनिट यानि एक बकरी खरीद लीजिये.
उस बकरी से जितना उत्पादन होगा- जैसे कि एक वर्ष में बकरी बच्चे देगी, दूध बिकेगा, जिससे बकरी पर लगाया धन जल्दी ही दो से तीन गुना हो जाएगा. बकरी कंपनी पालेगी और सारी देखभाल और क्रय विक्रय कंपनी करेगी. बस निवेशक को एक या इससे अधिक जितनी इच्छा हो उतनी यूनिट यानि बकरी खरीदनी होगी. बाकी सारी जिम्मेदारी कंपनी की होगी. वह निवेशक को जल्दी ही उसका लगाया पैसा दोगुना या इससे अधिक करके दे देगी.
लगभग 7 साल बाद 2016 में कंपनी को लेकर सवाल उठने लगे और 2019 तक हरीश पाठक पर एक के बाद एक कई मुकदमे दर्ज हो गए. जैसे अयोध्या जनपद के कैंट थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 4/9/19 धारा 419, 420 , 467, 468,471. इसी तरह थाने में दर्ज 167/16 धारा 419, 420 , 120B , है. धोखाधड़ी और जालसाजी के इसी मुकदमे में जब यह पुलिस से भागते फिर रहे थे तो पुलिस ने 16 सितंबर 2018 को कुसुम पाठक के घर कुर्की कर दी थी. कई मुकदमों में इनके खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल हो चुकी है. अजब बात तो यह है कि सारे मुकदमे धोखाधड़ी और जालसाजी के ही है.