तहलका टुडे डेस्क/सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा
नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्ती और मरीज़ों को राहत देने के लिये उठाये गये कदम के तहत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की राष्ट्रीय नीति में बड़ा बदलाव किया है. अब कोरोना संक्रमित मरीज को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करने के लिए पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी. संदिग्ध होने पर भी उन्हें भर्ती किया जा सकेगा.
भर्ती होने के लिए पहचान पत्र नहीं होगा जरूरी जरूरत के हिसाब से मरीजों को किया जाए भर्ती
देश में कोरोना संक्रमण कहर बरपा रहा है. रोज आने वाले संक्रमण के आंकड़े रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं, तो वहीं मौतों की संख्या अब डराने लगी है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्ती और मरीज़ों को राहत देने के लिये उठाये गये कदम के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए कोरोना की राष्ट्रीय नीति में बदलाव किया है. नई नीति के तहत कोविड हेल्थ फेसिलिटी में बिना पॉजिटिव रिपोर्ट के भी भर्ती करने का प्रावधान किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल में भर्ती होने के मानदंडों को संशोधित किया है. इसके साथ ही राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड संदिग्ध रोगियों को भर्ती किया जाए. COVID-19 के संदिग्ध मरीजों को CCC, DCHC, या DHC के संदिग्ध वार्ड में भर्ती किया जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय की नई नीति के मुताबिक किसी भी मरीज को ऑक्सीजन और दवा देने से मना नहीं होनी चाहिए, भले ही वह अलग शहर का ही क्यों न हो. किसी भी मरीज को इस आधार पर भर्ती करने से मना नहीं किया जा सकेगा कि उसके पास उस शहर या जिले का वैध पहचान पत्र नहीं है, जिस जिले या शहर में अस्पताल है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कहा है कि किसी भी मरीज को जरूरत के हिसाब से हॉस्पिटल में भर्ती किया जाए. इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए, कि हॉस्पिटल के बेड ऐसे लोगों द्वारा तो नहीं घेरे गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता ही नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन दिन के अंदर इन निर्देशों को शामिल करते हुए आवश्यक आदेश और परिपत्र जारी करने की सलाह दी है