तहलका टुडे टीम
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता गांजर के गांधी मुख़्तार अनीस की आज सीतापुर में मौलाना हमीदुल हसन साहब नमाज़े जनाज़ा पढ़ायी और बड़ी कर्बला में सुपुर्दे खाक किया गया कल उनके सय्युम की मजलिस का आयोजन भी सीतापुर में ही किया गया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद मुख्तार अनीस (78वर्ष) के निधन पर गोमतीनगर लखनऊ स्थित उनके आवास पर जाकर शोक संवेदना व्यक्त किया।वही बाराबंकी में गांधी विचारक पंडित राजनाथ शर्मा ने शोक सभा का आयोजन कर उनकी आत्मा की शांति के लिये दुआ की
आज सुबह अखिलेश यादव ने उनके गोमतीनगर आवास पर पहुचकर मुख्तार अनीस की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी भी मौके पर मौजूद रहे।
श्री यादव ने मुख्तार अनीस के समाजवादी आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए परिजनों से दुःख साझा किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौर में श्री अनीस लोकतंत्र की लड़ाई में जेल गए। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से शुरू हुआ उनका राजनैतिक सफर आजीवन समाजवादी मूल्यों के लिए समर्पित रहा। उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहते हुए उन्होंने जनहित में महत्वपूर्ण फैसले लिए जिसका लाभ जनता को मिला। उनका निधन समाजवादी पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है।
श्री यादव ने श्री मुख्तार अनीस के दोनों पुत्रों जहीर अब्बास और यूसा रिजवी़, पत्नी, भाई से मुलाकात कर सांत्वना दी।
वही बाराबंकी के गांधी भवन में वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं पूर्व मंत्री मुख्तार अनीस के निधन पर आयोजित शोक सभा की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने कहा राजनीतिक बियावान में आज समाजवादी शिल्पी मुख्तार अनीस कहीं खो गए। उनके निधन से समाजवादी आंदोलन में शून्यता आ गई। मुख्तार अनीस समाजवादी आंदोलन के एक अनुभवी एवं वैचारिक राजनेता थे। उनका समाजवाद पर अध्ययन और लेखन इतिहास के कालखंड का दस्तावेज है। वह समाजवादी विचारधारा के प्रति अडिग राजनेता थे। जीवन के अंतिम दिनों तक वह समाजवादी बने रहे।
श्री शर्मा ने बताया कि समाजवादी आंदोलन का इतिहास बिना मुख्तार अनीस के अधूरा रहेगा। वह मेरी पीढ़ी के बचे चंद लोगों में शामिल थे। मुख्तार अनीस समाजवादी आंदोलन के कर्मठ, क्रियाशील और ओजस्वी राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उनका समाजवादी लेखन युवा पीढ़ी को नई दिशा प्रदान करेगा। छात्र जीवन में सत्याग्रह और कई अन्य आंदोलनों में मुख्तार अनीस मेरे साथ जेल में बंदी रहे। वह आपातकाल के विरोध में भी बंदी रहे। मुख्तार अनीस समाजवादी आन्दोलन के ऐसे हस्ताक्षर थे जिसकी छाप अमिट है।
श्री शर्मा ने कहा कि मुख्तार अनीस के मामू चौधरी सिब्ते हसन नक़वी अकबरपुर में नगर पालिका के अध्यक्ष थे। उनका डॉ राममनोहर लोहिया से आत्मीय रिश्ता था। जिस कारण मुख्तार अनीस का छात्र जीवन में समाजवादी आंदोलन से जुड़ाव हो गया। 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से जुड़ने के बाद वह समाजवादी युवजन सभा के महासचिव बनाए गए। डॉ लोहिया के अनुयायी मुख्तार अनीस के मधु लिमये, राजनरायन, एस एम जोशी, मुलायम सिंह यादव से घनिष्ठ रिश्ते थे।
सभा में प्रमुख रूप से मृत्युंजय शर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, इफ्तिखार हुसैन, विनय कुमार सिंह, सत्यवान वर्मा, प्रद्युम्न सिंह, नीरज दुबे, सोनू यादव, अतीकुर्रहमान, मनीष सिंह, अनिल यादव, अभिषेक तिवारी, रंजय शर्मा सहित कई लोग मौजूद रहे।
आपको बता दे की 8 जून 1943 को मुख्तार अनीस का अकबरपुर फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) अब अम्बेडकर नगर में जन्म हुआ था,पिता सैयद मोहम्मद अनीस रिज़वी की तरबियत से बचपन से ही अवाम की खिदमत के जज़्बे ने मास्टर ऑफ़ आर्ट्स (राजनीति शास्त्र) में करने के बाद सीतापुर के तंबौर में गांजर के गांधी का खिताब पा लिया पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे और मुलायम मंत्री मंडल में मंत्री के साथ एक बार सांसद सदस्य भी रहे ,1975 में खाटी समाजवादी चौधरी सिबतें मोहम्मद नक़वी साहब की बेटी अजीज ज़हरा के साथ शादी हुई थी, किसान नेता के रूप में उभरे मुख़्तार अनीस 1977-1996 सदस्य, उत्तर प्रदेश विधान सभा,जुलाई 1977-78 उप मंत्री, पशुपालन, उत्तर प्रदेश,1978-80 राज्य मंत्री, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा,1989 मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार नियोजन और स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री रहे।
1996 में ग्यारवी लोक सभा के लिए सीतापुर से चुने गए थे,शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के भी कई बार सदस्य भी रहे थे।उनकी पुस्तकें भी प्रकाशित हुई जिसमें “लोहिया-कई पहलू व्यक्तित्व” (अंग्रेजी और हिंदी दोनों में) बेहद मक़बूल हुई
साहित्यिक, कलात्मक और वैज्ञानिक उपलब्धियां पर विभिन्न समाचार पत्रों में कई लेखों का योगदान इनका खास रहा
पढ़ने और लिखने में विशेष रुचि रखते थे,कई देशों की यात्रा भी की थी।
डॉ। राम मनोहर लोहिया के विचारों ने उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा था
और सोशलिस्ट पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था,
समाजवादी युवजन सभा, 1969 के राज्य-स्तरीय सचिव रहे,
सोशलिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित आंदोलनों में हिस्सा और कई बार जेल गये
आपातकाल के दौरान, 1975-77; आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई,लोकनायक जय प्रकाश नारायण द्वारा समाजवादी में विभिन्न पदों पर रहे मधु लिमये जैसे दिवंगत नेताओं से निकटता और प्रेरणा में काम किया,राज नारायण और एमएम जोशी के भी बेहद करीबी थे।