दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा और सहयोग संबंधों के नतीजे अब दिखने लगे
सुनीत निगम
नई दिल्ली, 13 फरवरी (हि.स.)। भारतीय और सऊदी अरब की सेनाएं पहली बार संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यास करेंगी। अगले वित्त वर्ष में होने वाले अभ्यासों के लिए भारतीय सेना सऊदी अरब की यात्रा करेगी। 2020 के दिसम्बर में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सऊदी अरब का दौरा किया था। यह पहली बार था जब किसी भारतीय सेना प्रमुख ने भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ते संबंधों का एक स्पष्ट संकेत पश्चिम एशियाई देश का दौरा किया था।
अपनी सऊदी अरब यात्रा के दौरान सेना प्रमुख ने रॉयल सऊदी लैंड फोर्स के मुख्यालय, संयुक्त बल कमान मुख्यालय और किंग अब्दुल अजीज सैन्य अकादमी का दौरा किया था। उन्हें रॉयल सऊदी लैंडफोर्स के मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने रॉयल सऊदी के कमांडर जनरल फहद बिन अब्दुल्ला मोहम्मद अल-मुतीर से भी मुलाकात करके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के मुद्दे पर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने संयुक्त बल सऊदी अरब के लेफ्टिनेंट जनरल मुतलाक बिन सलीम बिन अल-अजीमा कमांडर के साथ बातचीत की और रक्षा सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जनरल नरवणे के साथ गए प्रतिनिधिमंडल और उनकी पत्नी वीना नरवणे ने भी ऑल वीमेन सेंटर रियाद सऊदी अरबिया का दौरा किया। उनकी इस यात्रा से रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खुलने की उम्मीद जताई गई थी।
सऊदी अरब भारत को ‘विज़न 2030’ के तहत किंगडम के रणनीतिक साझेदार देशों में से एक के रूप में पहचान देता है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच जुड़ाव बढ़ा है। 2019 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब यात्रा के दौरान रणनीतिक साझेदारी परिषद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। फरवरी 2019 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने नई दिल्ली का दौरा किया था। इस यात्रा के दौरान प्रिंस ने भारत में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के निवेश की घोषणा की थी। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ हो रहे संबंधों के नतीजे अब भारतीय और सऊदी अरब की सेनाओं के पहली बार संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यास करने का कार्यक्रम बनने से दिखने लगे हैं।