सारे विरोधी ढक्कन हुइ गये,कई आस्तीन के साँप ढक्कन खोलकर अंदर हुइ गये,नौकरशाही की खुराफातों और चुगल खोरियो से आजिज़ और इन पर लगाम लगाने के लिये Cm योगी आदित्यनाथ की डिमांड पर Pm मोदी की हिकमते अमली ने अपने खास आईएएस अरविंद कुमार शर्मा को इस्तीफा दिलवाकर यूपी में एमएलसी बनवाया,अब ऐसी ज़िम्मेदारी सौपने की तैयारी है जिससे कई चम्मचो में बेचैनी और रात की नींदें उड़ी

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तहलका टुडे टीम /रिज़वान मुस्तफ़ा

लखनऊ.राम राज्य लाने के लिए नौकरशाही की खुराफातों और चुगल खोरियो से आजिज़ और इन पर लगाम लगाने के लिये Cm योगी आदित्यनाथ की डिमांड पर Pm मोदी की हिकमते अमली ने अपने खास आईएएस अरविंद कुमार शर्मा को इस्तीफा दिलवाकर यूपी में एमएलसी बनवाया,अब ऐसी ज़िम्मेदारी सौपने की तैयारी है जिससे कई चम्मचो में बेचैनी और उनकी नींद उड़ी है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई शुरुआत होने के साथ ही नए कयासों को जन्म देने वाला होगा एमएलसी अरविंद शर्मा का नाम

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य अरविंद कुमार शर्मा (MLC Arvind Kumar sharma) के राजनीति में आने के साथ ही राज्य के सत्ता के गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है. प्रदेश में तीन डिप्टी सीएम की चर्चा ने भी जोर पकड़ा था लेकिन अब कयासों पर जल्द ही विराम लगेगा. सूत्रों की मानें प्रधानमंत्री के करीबी रहे पूर्व नौकरशाह एके शर्मा सीएम योगी के कार्यभार को हल्का कर सकते हैं और उनको प्रशासन को कुशलता से चलाने में सहयोग कर सकते हैं.

सूत्रों बताते हैं कि आने वाले समय में पांच राज्यों तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी, केरल में चुनाव है जिसमें एक स्टार प्रचारक के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है.

इस तरह से प्रधानमंत्री के करीबी रहे पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा सीएम योगी के कार्यभार को हल्का कर सकते हैं और उनको प्रशासन को कुशलता से चलाने में सहयोग कर सकते हैं. दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद जल्द ही पूर्व नौकरशाह एके शर्मा की नियुक्ति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं. इसके साथ ही खाली पड़े मंत्री पद भी भरे जाएंगे.

सूत्रों की मानें तो ऐसे में पार्टी के दिग्गज नेताओं को सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रशासनिक भार को कम करने की जरूरत महसूस हो रही है, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव भी करीब आ रहा है. पार्टी आलाकमान को मिले फीडबैक के आधार पर यह फैसला जल्द ही लिया जा सकता है. ऐसे में जब ये फैसला लिया जाए तो एक अहम कारण माना जा सकता है.उत्तर प्रदेश में दो डिप्टी सीएम पद की मौजूदगी के बावजूद, अगर एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा को ‘मंत्री’ मुख्यमंत्री कार्यालय बनाया जाता है तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह एक नई शुरुआत होने के साथ ही नए कयासों को जन्म देने वाला होगा.

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