तहलका बाराबंकी/एम आर आज़ाद
बाराबंकी-आज़ादी से लेकर 2005 तक बाराबंकी के बदोसराय के प्रधान रहे गरीबो के हमदर्द,हरदिल अज़ीज़,फ्रीडम फ़ाइटर के फायदे भुनाने से परहेज़ करने वाले अज़ादार हुसैन उर्फ अहमद मिया-95 का आज लंबी बीमारी के बाद इंतेक़ाल हो गया।
मंगल को दोपहर 1 बजे ग्राम बदोसराय के अबाई कब्रिस्तान में किये जायेंगे सुपुर्दे खाक
स्व अहमद मिया के बारे में बुजुर्ग लोग बताते है बेहद ही वसूल के सख्त थे,सवंत्रता संग्राम में अंग्रज़ों की नाक में दम कर रक्खी थी इनकी पिटाई से इस इलाके में अंग्रेज अफसरों का गरीबो पे ज़ुल्म करने से रूह कांपती थी।
वसूल के इतने पक्के थे और कहते थे देश की आज़ादी में रहा हूँ फक्र है मुझे लेकिन ज़िन्दगी भर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बनने के तमगे से परहेज़ करते हुए यही कहते थे हमने देश की आज़ादी के लड़ा उसको भुनाऊगा नही कोई फायदा नही लूंगा।
देश आजाद होने के बाद से 2005 तक बदोसराय की प्रधानी इन्ही के पास रही।
इंदिरा गांधी के साथ भी जेल गये, वही राजीव गांधी,संजय गांधी,मनमोहन सिंह,सलमान खुर्शीद से इनके पारिवारिक संबंध थे।
पूर्व मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा इन्हें बेहद मानते थे,और बड़ी इज़्ज़त देते थे,इनको कांग्रेस में शामिल कराने में इनकी अहम भूमिका थी।
उनके निधन पर मोहसिना क़िदवई,इमरान क़िदवई ,फरीद महफूज़ क़िदवई,राज्यसभा सदस्य पी एल पुनिया,पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप,राकेश वर्मा,एम एल सी राजेश यादव,ज़िला पंचायत अध्य्क्ष अशोक सिंह,फवाद क़िदवई,वरिष्ठ पत्रकार हशमतुल्लाह,के पी तिवारी ,सीनियर वकील चौधरी मेराजुद्दीन,किसान नेता निसार मेहदी,पूर्व ब्लॉक् प्रमुख मौलाना असलम,सपा ज़िला अध्य्क्ष हाफिज अयाज़,सहकारी बैंक के चेयरमैन धीरेंद्र वर्मा,निहाल काज़मी जुल्फी मिया, इकबाल मेहदी फ़ैज़ी,विनोद यादव,नजमुल हसन नोमानी,आदिल काज़मी,वक़ार मेहदी,डॉ रेहान काज़मी,राम किशोर वर्मा ने दुख का इज़हार किया है।
अज़ादार हुसैन साहब के 3 बेटे है जिनमे अली मिया, हिलाल मिया ,कामरान मिया के अलावा एक बेटी भी है।