बाराबंकी के शातिर चोरो ने प्रधानमन्त्री आवास ही चुरा लिया,Pm मोदी की ही हिकमते अमली से मालिकाना हक देने की योजना में गये पकड़े,मचा हड़कंप

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कई अधिकारियो और कर्मचारियो की मिलीभगत से हुआ ये घोटाला
गर्दन फ़सने से मामला रफा दफा करने की तैयारी
लीपा पोती,नही हुई FIr,दिया गया विकल्प कांशीराम आवास छोड़े या फिर PM आवास ले
Pmo में शिकायत, सीबीआई की भरष्टचार विंग कर सकती है जाँच

तहलका टुडे टीम /अज़मी रिज़वी

बाराबंकी। Pm आवास योजना में ज़िले में बड़ा घोटाला चल रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान के प्रति जिले के आलाधिकारी कितने सजग है और वह जीरो टालरेंस नीति का किस तरह से पालन कर रहे है यह बात तब बताये जाने की कोई जरुरत नही है जब जनपद की अधिकांश नगर पंचायतो मे काशीराम योजना के तहत रजिस्टर्ड आवास प्राप्त करने वाले तमाम लोगो को अवैध आय हासिल करने के उद्वेश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना मे भी लाभार्थी बना दिया गया।

https://youtu.be/VB8oBc0hSlY

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालिकाना हक देने की योजना से इस जाल में कई फंस गयेअब काशीराम आवास का पट्टा रजिस्टर्ड दर्ज होने के कारण जिम्मेदार अधिकारी स्वंय को फसता हुआ देखकर जिन्हे काशीराम आवास के साथ प्रधानमंत्री आवास का भी लाभ दे दिया उन लोगो से काशीराम आवास को निरस्त कराये जाने के लिये आलाधिकारियो के यहा निरस्तीकरण के लिये प्रार्थना पत्र भिजवा रहे है।

लेकिन जागरुकजनो मे सवाल तो इस बात का है कि बैनामा के रुप मे दर्ज हुए आवासो को निरस्त करने का अधिकार तो अदालत के ही अधिकार क्षेत्र मे रहना चाहिये।

मालूम हो कि आजादी से लेकर आज तक इतिहास गवाह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन काल मे सबसे अधिक आवास अभी तक स्वीकृत कर उनका धन भी भेज दिया गया।
यह अभियान गरीब पात्र और जरुरतमंदो के प्रति निरन्तर जारी है लेकिन केन्द्र और प्रदेश सरकार की जीरो टालरेंस की नीति पर कुठाराघात करते हुए अवैध आय के के लिये इन महाभ्रष्ट अधिकारियो ने बडी संख्या मे अपात्र धनवान लोगो के साथ सरकार से दस पांच साल मे आवास पा चुके लोगो को लाभार्थी बना दिया।

जिसमे बैनामा के रुप मे काशीराम आवास प्राप्त कर चुके बड़़ी संख्या मे लाभार्थी भी शामिल है।यहा पर ऐसी आवाजे किसी एक नगर पंचायत से ही नही उठ रही है।
अब विभागीय सूत्रो की माने तो केवल नगर पंचायत रामनगर मे ही 145 लोगो को काशीराम योजना मे आवासो का रजिस्टर्ड बैनामा कराया गया था।
वही जैदपुर,दरियाबाद,सिद्धौर,फतेहपुर,देवा, हैदरगढ़,सुबेहा, सतरिख,बंकी में भी इस तरह का खेल जग जाहिर है।
बाराबंकी नगर पालिका में तो बहूत लंबे खेल किये गये है।
इसी के फंदे से घबराये अधिशासी अधिकारी यहाँ से ट्रांसफर करा कर भाग लिये है।
सूत्रों के मुताबिक बाराबंकी में pm आवास योजना के पत्थर तक नही लगे और बड़े पैमाने पर रकम डकार ली गयी है।
सूत्रों की माने तो एक आवास में 50 हज़ार तक की रकम दल्लो के ज़रिए अधिकारियो के पास तक पहुची है।

उसमे से कितने लोगो को प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी आवास योजना का लाभ अभी तक मिल चुका है यह बात भी छिपी नही है सरकारी लेखा जोखा जिस बात के प्रत्यक्ष गवाह है।
खैर यह तो मात्र बानगी भर है।
जागरुक जनो मे चर्चा तो इस बात की है कि काशीराम योजना के लाभार्थी अपना काशीराम आवास का रजिस्टर्ड आंवटन रद्द कराने के लिये न्यायिक प्रक्रिया के दायरे मे रहकर आवेदन दर्ज करा सकते थे।
चिडिया चुनि गई बीज तौ ढीला बहाये का होई जैसी कहावत चरितार्थ हो रही है।इस सम्बंध मे जानकारी के लिये डूडा अधिकारी सौरभ त्रिपाठी ने बताया की ऐसा मामले रामनगर में सामने आए है 5 लोगो को विकल्प दिया गया है कि या तो काशीराम आवास छोड़ दे या pm आवास योजना का लाभ ले ले।
उनलोगों ने पत्र लिखकर कांशी राम योजना छोड़ने की बात कही है।
फिलहाल कोई FIR या कार्यवाही नही हुई है।

वही इस संबंध में Pmo और सीबीआई भरष्टचार विंग में भी शिकायत इस घोटाले की करते हुए इसमे सम्मलित अधिकारी कर्मचारियों और धांधली करने वालो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गई है।

 

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