गंगा जमुनी संस्कार और भाईचारे की शिक्षा समाज मे फैलाने वाले क्रांतिकारी नेता पंडित सुरेंद्र नाथ अवस्थी पुत्तू भय्या की जयंती पर आंसुओ की बूंद बनी श्रद्धाजलि,जगह जगह किये गये याद, ग्राम्यांचल में शांति पाठ सहित विविध कार्यक्रम आयोजित,समधी डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा नही निकाल सके इस मौके पर आँसू पोछने और 2 अल्फ़ाज़ श्रद्धा सुमन अर्पित करने का वक़्त

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तहलका टुडे टीम

हैदरगढ़ बाराबंकी ।शिक्षा के अग्रदूत के रूप में स्वर्गीय पंडित सुरेंद्र नाथ अवस्थी पुत्तू भैया हमेशा याद किए जाएंगे। वे आज भी वैचारिक रूप से हम सभी के बीच जीवित हैं। उक्त बात मुख्य अतिथि अपर स्टांप आयुक्त बाराबंकी ऋषिकेश पांडे ने आज स्वर्गीय पंडित सुरेंद्र नाथ अवस्थी की जयंती के अवसर पर ग्राम्याचंल महाविद्यालय के स्मृति उपवन में आयोजित समारोह में कही ।

श्री पांडे ने कहा कि स्वर्गीय अवस्थी जी ने जो यह महाविद्यालय स्थापित किया आज उसकी ख्याति दूर-दूर तक पहुंच रही है। वह वास्तव में शिक्षा के महापुरुष थे ।अमेठी जनपद के पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश मटियारी ने कहा कि पंडित सुरेंद्र अवस्थी का प्रेम ऐसा था कि जो उनसे मिलता था उन्हीं का होकर रह जाता था। पूर्व विधायक पंडित सुंदरलाल दीक्षित ने कहा कि स्वर्गीय अवस्थी जी ने यह महाविद्यालय स्थापित करके शिक्षा के क्षेत्र में जो काम किया है वह अत्यंत प्रशंसनीय कार्य हैम उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के स्वाभिमान व सम्मान के लिए वह हर समय सहयोग व संघर्ष करने को तैयार हैं।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ अवस्थी ने कहा कि हैदरगढ़ से हमारा रिश्ता एक परिवार का है। हैदरगढ़ ने मेरे परिवार को बहुत कुछ दिया। पिताजी कहते थे कि हैदर गढ़ का प्रत्येक व्यक्ति उनके अवस्थी परिवार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उसका सम्मान करना सभी का कर्तव्य है।

सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया ने कहा कि व्यक्ति का त्याग एवं उसका व्यवहार तथा उसका सेवा भाव ही उसे बड़े व्यक्तित्व में ढालता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण स्वर्गीय पंडित सुरेंद्र नाथ अवस्थी जी हैं। जो आज भी विचारों के रूप में हम सभी के बीच मौजूद हैं। प्रसिद्ध कवि पंडित रामेश्वर प्रसाद प्रलंकर ने कहा कि स्वर्गीय अवस्थी जी की सोच विकसित थी। उन्होंने जो यह शिक्षा का इतना बड़ा केंद्र बनाया आज उसमें पढ़कर तमाम छात्र एवं छात्राएं जीवन में सफलता की ओर अग्रसर है। उन्होंने यह भी कहा कि अवस्थी जी ने कई हिंदी साहित्य के बड़े कार्यक्रम किए। अवध रानी सहित कई अन्य ग्रंथों का संपादन भी हुआ ।अवधी के क्षेत्र में कई देशों में काम कर चुके डॉ राम बहादुर मिश्र ने कहा कि अवस्थी जी के संबंध में एक बड़ा कार्यक्रम हिंदी साहित्य से जुड़ा हुआ लखनऊ में किया जाना चाहिए। जो उनकी साहित्य के प्रति पहचान के लिए अत्यंत आवश्यक है। लगभग सभी वक्ताओं ने इसका समर्थन भी किया ।इस मौके पर जयंती समारोह में आशुतोष अवस्थी एवं शरद अवस्थी तथा राजनीतिक विश्लेषक ओपी यादव सहित कई अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सेवा समिति अध्यक्षा श्रीमती प्रेमा अवस्थी ने कहा कि आज श्री अवस्थी जी भले ही हमारे बीच में नहीं है लेकिन मुझे लगता है की उनका मार्गदर्शन हमें आज भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मैं अवस्थी जी के बनाए गए सभी रिश्तो को हमेशा जीवंत रखूंगी ।हैदरगढ़ मेरा परिवार है सभी के सहयोग से यह शिक्षा संकुल आगे बढ़े यही आप सभी से मेरी अपील है। इस दौरान बोलते बोलते वे कई बार भावुक भी हो गई।

इससे पूर्व आज यहां पर स्वर्गीय पंडित सुरेंद्र अवस्थी की जयंती के अवसर पर शांतिकुंज हरिद्वार की हैदरगढ़ शक्ति पीठ से आई हुई मिथिलेश श्रीवास्तव, श्रीमती मानकी मिश्रा ,श्रीमती भगवान देवी की महिला टीम ने हवन भी कराया। जबकि यहां की छात्रा सुगंधा पंडित ने स्वागत गीत गाकर सभी को भावविभोर कर दिया। इस मौके पर ही छात्राओं ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति भी दी। इस अवसर पर प्रमुख रूप से एसपी सिंह, यस करन तिवारी, शिव कुमार चतुर्वेदी, प्रबंधक राजेश सिंह, गंगा बख्स सिंह, सरवर सिद्दीकी, शशिकांत अवस्थी, भगवंत रावत, लामान मियां ,मन्नू अवस्थी, छोटू सिंह, जमुना प्रसाद ,आनंद सिंह, हरि शंकर मिश्र, नेता भाई लाल ,अनुज द्विवेदी, सौरभ कुमार, शंकरलाल गिहार, राजकुमार झुनझुनवाला सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पंडित लालमणि शुक्ला ने किया।

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