तहलका टुडे टीम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षा क्षेत्र में समानता से ही समरस समाज का सपना साकार होगा। भविष्य की जरूरतों के लिहाज से शिक्षण संस्थानों में और शिक्षा के सभी चरणों में एक सहज एकीकरण और समन्वय होना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को उनके सीखने की क्षमता के अनुसार विकल्पों को चुनने का अवसर मिलेगा। वे अपनी प्रतिभा और रुचियों के अनुसार सफलता हासिल कर सकेंगे।
उन्होंने ये बातें गुरुवार को लोकभवन में युवाओं के सशक्तीकरण के लिए एकीकृत पुनर्जागरण नवाचार ‘यू राइज’ पोर्टल का लोकार्पण करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘यू राइज’ पोर्टल अभिनव है। ‘यू राइज’ यानी ‘यूनिफाइड री-इमेजिंड इनोवेशन फ़ॉर स्टूडेंट एमपॉवरमेन्ट’ पोर्टल में विद्यार्थी जीवन के सम्पूर्ण चक्र जैसे संस्थान में प्रवेश, शुल्क, शिक्षण, प्रशिक्षण, प्रयोग, परीक्षा इत्यादि के साथ-साथ रोजगार की प्राप्ति तक का पूरा चक्र दर्ज होगा। कोई भी सेवायोजक छात्र के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकता है। यह छात्रों के लिए बहुत मददगार साबित होगा।
विकल्पों की उपलब्धता से संवरेगा जीवन
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘यू राइज’ पोर्टल शिक्षाविदों, सेवायोजकों, शोधार्थियों आदि के सहयोग से लाखों छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने में सफल होगा। विद्यार्थी जीवन के सम्पूर्ण चक्र के विभिन्न स्तरों को यह पोर्टल, उपलब्ध सेवाओं और सूचनाओं के माध्यम से उन्हें सशक्त करेगा।
इन सेवाओं में ऑनलाइन शुल्क, ऑनलाइन परीक्षा, आवश्यकता के अनुसार ऑनलाइन कक्षाएँ तथा वेबिनार, डिजिटल प्रश्नपत्र, डिजिटल मूल्यांकन, डिजिटल कन्टेन्ट, ई-लाईब्रेरी, विषय वस्तु पर रिकार्डेड वीडियो कन्टेन्ट, उद्योग, प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, रोजगार इत्यादि के लिए विशाल नेटवर्क से युक्त यह पोर्टल विद्यार्थी को हर उस रूप से सशक्त कर सकेगा जैसा विद्यार्थी का स्वप्न है, उसका उद्देश्य है। इस पोर्टल के माध्यम से व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे लगभग 20 लाख विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा। ई-कंटेंट, ई-लाइब्रेरी, ऑनलाइन कोर्स जैसे प्रयास को सुदूर क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचा सकेंगे।
शिक्षा के विविध रूप, पर उद्देश्य है एक
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पनाओं को मूर्त रूप देने वाली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 यह बताती है कि शिक्षण संस्थानों में और शिक्षा के सभी चरणों में एक सहज एकीकरण और समन्वय होना चाहिए, जिससे शिक्षार्थियों को उनके सीखने की क्षमता के अनुसार उन्हें कई विकल्पों को चुनने का अवसर प्राप्त हो। ताकि, वे अपनी प्रतिभा और रुचियों के अनुसार जीवन में सफलता का मार्ग चुन सकें।
कला और विज्ञान, व्यावसायिक और अकादमिक शिक्षाओं, पाठ्यक्रम गतिविधियां तथा अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों के बीच कोई बहुत अलगाव नहीं है। इस कारण से ऐसे अलगावों को समाप्त करने के लिए तथा अध्ययन और सीखने के विभिन्न क्षेत्रों के मध्य एकीकरण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी, अभियांत्रिकी तथा खेल-कूद विषयों की एक समग्र और बहु-विषयक शिक्षा आवश्यक है। उत्तर प्रदेश सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत है।
तकनीक ने आसान बनाई पहुंच
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम आभारी हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति, जिन्होंने 2014 में ही हमें डिजिटल होने का महत्व समझा दिया था। उन्होंने कहा कि फर्जी शिक्षकों के षड़यंत्र का पर्दाफाश हमने तकनीकी की मदद से ही किया। कोरोना काल खंड में हमने तकनीक की मदद से जनता को अधिकाधिक सुविधा पहुंचाने में सफलता हासिल की है। कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था ऑनलाईन माध्यमों से ही संचालित हो सकी। यह सब तकनीक की मदद से ही संभव हो सका।
डिजिटल और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए दिए 100 करोड़ रुपये
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के दूसरे चरण में 100 करोड़ रुपये भी जारी किए। कोविड-19 महामारी के दूरगामी प्रभावों को ध्यान में रखते हुए दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम अंतर्गत द्वितीय चरण में जारी यह राशि प्रदेश के विभिन्न तकनीकी संस्थानों में डिजिटल और फिजिकल इन्फ्रा के विकास पर खर्च होगी।
इस धनराशि से छात्रावासों का निर्माण, क्लास रूम, लैब, नवनिर्मित भवन के फर्नीचर, पुस्तकालय का विस्तार , कोविड के दृष्टिगत अवस्थापना सुविधाओं का विनिर्माण एवं ऑनलाइन क्लासेज, स्मार्ट क्लास रूम,वर्चुअल लैब आदि खरीदे जाएंगे।