कॅरोना की वबा में 54 देशों में घर घर अज़ादारी को पहुचाने वाले मोदी सरकार के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी मोहर्रम की दूसरी को पहुँचे अपने गाँव की कर्बला, चढ़ाए फूल किया ज़ियारत और मातम, पेश किया शहीदाने कर्बला को आंसुओ का नज़राना,अपने इमामबाड़े में हुए गिरवी,कहा कॅरोना की वबा में सरकार की गाइड लाइन्स और सोशल डिस्टेंस के साथ करे अज़ादारी

Breaking News Latest Article ज़रा हटके

तहलका टुडे टीम

भदारी-प्रयागराज-कॅरोना की वबा में 54 देशों में अज़ादारी को पहुचाने वाले देश के केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी दूसरी मोहर्रम को अपने प्रतापपुर ब्लॉक के पैतृक गांव भदारी पहुंचे ,घर पहुंचने के बाद वह सीधे साथरडीह कर्बला गए। हजरत इमाम हुसैन और उनके बहत्तर साथियों की याद में पुरसा दिया और अकीदत के फूल चढ़ाए।

इसके पश्चात अपने इमामबाडे पहुंचे जहां गिरवी होने के बाद तमाम ताज़िदरो से मिले इस दौरान केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि मोहर्रम किसी एक धर्म या मजहब वालों का नहीं है, बल्कि इंसानियत के मसीहा इमामे हुसैन की याद मनाने को मोहर्रम कहा जाता है। यह वह महीना है जिसमें रहती दुनियां तक इंसानियत को शर्मसार होने से नवासे रसूल ने हमेशा-हमेशा के लिए बचा लिया। कहा कि कोरोना महामारी के इस संकट के समय मे जिक्रे हुसैन हर जगह सोशल डिस्टेंस के साथ किया जा रहा है ताकि इंसानियत की हिफाजत भी हो जाए और यादें हुसैंन से हमारा घर, दिल व समाज इससे वंचित न रहने पाए।

मालूम हो केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की कोशिशों से मुहर्रम के दस दिनों तक मजलिस, मर्सिया प्रसारित करने का यह फैसला लिया गया है जिसकी देशभर में प्रशंसा हो रही है।

कोरोना के कहर के चलते अलग-अलग राज्य सरकारों ने लोगों की सेहत-सलामती को ध्यान में रख कर किसी भी सामाजिक-धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है। इस दौरान होली से लेकर जन्माष्टमी, रमजान से लेकर ईद तक के सभी धार्मिक कर्तव्यों को लोगों ने अपने घरों पर ही पूरा किया।

कोरोना काल की परिस्थितियों को देखते हुए दूरदर्शन पर उर्दू के “पैग़ामे कर्बला” का प्रसारण प्रतिदिन शाम 05:30 बजे एवं दूसरे दिन सुबह 10 बजे मजलिस-सोज-मर्सिया प्रसारित होगा।

दूरदर्शन पर एक मुहर्रम यानी 21 अगस्त को सांयकाल 5:30 बजे मौलाना ज़फर-उल-हसन की मजलिस एवं मोहम्मद अंजुम जाफरी एवं हमनवा का सोज़-मर्सिया प्रसारित होगा।
इसी तरह दो मुहर्रम (22 अगस्त) को शाम 5:30 बजे मौलाना फरीद-उल-हसन की मजलिस, खुर्शीद अकबर एवं हमनवा का सोज़-मर्सिया हुआ।

22 अगस्त को रात 10 बजे डा. मुफ़्ती मुकर्रम अहमद एवं मौलाना यासूब अब्बास की मजलिस और फ़रज़न्द अली व हमनवा का सोज़-मर्सिया, खिताब कर चुके है।
तीन मुहर्रम (23 अगस्त) को शाम 05:30 बजे हुजातुल इस्लाम मौलाना सैयद सफी हैदर की मजलिस, शाकिर हुसैन व हमनवा का सोज़-मर्सिया,
चार मुहर्रम (24 अगस्त) को शाम 05:30 बजे उस्तादुल ओलेमा मौलाना हमीद-उल-हसन की मजलिस, यादगार काज़मी रायबरेली व हमनवा का सोज़-मर्सिया प्रसारित होगा।

इसी प्रकार पांच मुहर्रम (25 अगस्त) को शाम 05:30 बजे मौलाना हबीब हैदर किबला की मजलिस, गुलाम मेहदी व हमनवा का सोज़-मर्सिया;
छह मुहर्रम (26 अगस्त) को शाम 05:30 बजे मौलाना सय्यद कल्ब-ए-जव्वाद नक़वी किबला की मजलिस, हिदायत अली व हमनवा का सोज़-मर्सिया;
सात मुहर्रम (27 अगस्त) को शाम 05:30 बजे ख़तीब-ए-अहलेबैत अमतुल आतिफ़ा की मजलिस, शबाना परवीन व हमनवा का सोज़-मर्सिया,
आठ मुहर्रम (28 अगस्त) को शाम 05:30 बजे मौलाना आबिद बिलग्रामी किबला की मजलिस, नय्यर हुसैन व हमनवा का सोज़-मर्सिया, नौ मुहर्रम (29 अगस्त) दोपहर तीन बजे मौलाना आबिद बिलग्रामी किबला की मजलिस,
आगा हुसैन कज़लबाश व हमनवा का सोज़-मर्सिया,
शाम 05:30 बजे प्रो. नज़र सिब्तैन रिज़वी की मजलिस, क़मर हसन नक़वी का सोज़-मर्सिया,
रात 10 बजे प्रो. अख़्तर-उल-वासे और मौलाना कल्ब-ए-रुशैद साहब किबला की मजलिस एवं इन मजलिसों से पहले जनाब इमरान हैदर रिज़वी व हमनवा के मर्सिये सोज़ नशर होंगे।

मुहर्रम के सबसे महत्वपूर्ण दिन दस मुहर्रम (30 अगस्त) को सुबह 10 बजे ख़तीब-ए -अहलेबैत मोहतरमा आल-ए-ताहा साहिबा की मजलिस, मोहतरमा शबाना परवीन व हमनवा का सोज़-मर्सिया, और मौलाना रईस जारचवी साहब की मजलिस और रात 9:30 बजे मौलाना सय्यद कल्ब-ए-रुशैद किबला की शामे गरीबां प्रसारित होगी। इन मजलिसों से पहले भी मसरूर मेहदी महमूदाबादी व हमनवा के सोज़ और मर्सिये होंगे।

बीमार बड़ी मां से मिले, पूछा हालचाल

कोविड-19 वैश्विक महामारी के दृष्टिगत जुलूस और ताजिए पर पाबंदी के कारण इस बार उन्होंने गांव आने का इरादा अबकी बार पहले कर लिया । ऐन वक्त पर बड़ी मां की खराब तबियत पर वह बड़ी मां के कमरे में गये उनसे मिले। उन्होंने सर पर हाथ रखकर दुआए दी

इस मौके पर इतरत नक़वी (चाचा), कमर अब्बास ,हैदर अब्बास,नजमुल हसन,अली बाक़र, राहिब और घर के तमाम लोग मौजूद रहे

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