मोदी सरकार का अजादारों के लिये बड़ा फैसला एक से 10 मोहर्रम तक दूरदर्शन उर्दू पर ‘पैगाम- ए कर्बला’  में मजलिस का होगा शाम साढ़े पांच बजे और सुबह 10 बजे प्रसारण,

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2 वर्ष पूर्व इंदौर में मोहर्रम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का  पैगामे कर्बला और अज़ादारी को फ़रोग़ देने का पैगाम,केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर और मुख्तार अब्बास नकवी की मेहनत से हुआ कामयाब

तहलका टुडे टीम

नयी दिल्ली,- कोरोना महामारी के दौरान भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर रोक के मद्देनजर इस साल दूरदर्शन पर उर्दू की नई पहल ‘पैगाम- ए कर्बला’ की शुरुआत हो रही है जिसके तहत मुहर्रम के दस दिनों तक मजलिस, मर्सिया, सोज़ का प्रसारण किया जाएगा।

दुनिया के 54 से अधिक देशों में देखे जाने वाले दूरदर्शन उर्दू के “पैग़ामे कर्बला”, में हर दिन मशहूर विद्वान, मर्सिया ख़ान, सोज ख़ान, हजरत ईमाम हुसैन की शहादत और कर्बला की घटनाओं से लोगों को रूबरू कराएंगे,
हजरत इमाम हुसैन के इंसानियत-इंसाफ और ईमान के पैगाम को घर-घर तक पहुंचाने में यह कार्यक्रम अहम किरदार अदा करेगा।

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की कोशिशों से मुहर्रम के दस दिनों तक मजलिस, मर्सिया प्रसारित करने का यह फैसला लिया गया है जिसकी देशभर में प्रशंसा हो रही है।

कोरोना के कहर के चलते अलग-अलग राज्य सरकारों ने लोगों की सेहत-सलामती को ध्यान में रख कर किसी भी सामाजिक-धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है। इस दौरान होली से लेकर जन्माष्टमी, रमजान से लेकर ईद तक के सभी धार्मिक कर्तव्यों को लोगों ने अपने घरों पर ही पूरा किया।
इसी प्रकार गणेश चतुर्थी और मुहर्रम के सार्वजनिक कार्यक्रमों को भी सरकार के दिशानिर्देशों को मानते हुए घरों पर ही करने का सभी राज्य सरकारों ने दिशा निर्देश जारी किया है।

कोरोना काल की परिस्थितियों को देखते हुए दूरदर्शन पर उर्दू के “पैग़ामे कर्बला” का प्रसारण प्रतिदिन शाम 05:30 बजे एवं दूसरे दिन सुबह 10 बजे मजलिस-सोज-मर्सिया प्रसारित होगा।

दूरदर्शन पर एक मुहर्रम यानी 21 अगस्त को सांयकाल 5:30 बजे मौलाना ज़फर-उल-हसन की मजलिस एवं मोहम्मद अंजुम जाफरी एवं हमनवा का सोज़-मर्सिया प्रसारित होगा।
इसी तरह दो मुहर्रम (22 अगस्त) को शाम 5:30 बजे मौलाना फरीद-उल-हसन की मजलिस, खुर्शीद अकबर एवं हमनवा का सोज़-मर्सिया;
22 अगस्त को रात 10 बजे डा. मुफ़्ती मुकर्रम अहमद एवं मौलाना यासूब अब्बास की मजलिस और फ़रज़न्द अली व हमनवा का सोज़-मर्सिया,
तीन मुहर्रम (23 अगस्त) को शाम 05:30 बजे हुजातुल इस्लाम मौलाना सैयद सफी हैदर की मजलिस, शाकिर हुसैन व हमनवा का सोज़-मर्सिया,
चार मुहर्रम (24 अगस्त) को शाम 05:30 बजे उस्तादुल ओलेमा मौलाना हमीद-उल-हसन की मजलिस, यादगार काज़मी रायबरेली व हमनवा का सोज़-मर्सिया प्रसारित होगा।

इसी प्रकार पांच मुहर्रम (25 अगस्त) को शाम 05:30 बजे मौलाना हबीब हैदर किबला की मजलिस, गुलाम मेहदी व हमनवा का सोज़-मर्सिया;
छह मुहर्रम (26 अगस्त) को शाम 05:30 बजे मौलाना सय्यद कल्ब-ए-जव्वाद नक़वी किबला की मजलिस, हिदायत अली व हमनवा का सोज़-मर्सिया;
सात मुहर्रम (27 अगस्त) को शाम 05:30 बजे ख़तीब-ए-अहलेबैत अमतुल आतिफ़ा की मजलिस, शबाना परवीन व हमनवा का सोज़-मर्सिया,
आठ मुहर्रम (28 अगस्त) को शाम 05:30 बजे मौलाना आबिद बिलग्रामी किबला की मजलिस, नय्यर हुसैन व हमनवा का सोज़-मर्सिया, नौ मुहर्रम (29 अगस्त) दोपहर तीन बजे मौलाना आबिद बिलग्रामी किबला की मजलिस,
आगा हुसैन कज़लबाश व हमनवा का सोज़-मर्सिया,
शाम 05:30 बजे प्रो. नज़र सिब्तैन रिज़वी की मजलिस, क़मर हसन नक़वी का सोज़-मर्सिया,
रात 10 बजे प्रो. अख़्तर-उल-वासे और मौलाना कल्ब-ए-रुशैद साहब किबला की मजलिस एवं इन मजलिसों से पहले जनाब इमरान हैदर रिज़वी व हमनवा के मर्सिये सोज़ नशर होंगे।

मुहर्रम के सबसे महत्वपूर्ण दिन दस मुहर्रम (30 अगस्त) को सुबह 10 बजे ख़तीब-ए -अहलेबैत मोहतरमा आल-ए-ताहा साहिबा की मजलिस, मोहतरमा शबाना परवीन व हमनवा का सोज़-मर्सिया, और मौलाना रईस जारचवी साहब की मजलिस और रात 9:30 बजे मौलाना सय्यद कल्ब-ए-रुशैद किबला की शामे गरीबां प्रसारित होगी। इन मजलिसों से पहले भी मसरूर मेहदी महमूदाबादी व हमनवा के सोज़ और मर्सिये होंगे।

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