तहलका टुडे टीम
लखनऊ 10 अगस्त : मजलिस -ए- उलेमा-ए-हिंद ने लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए बम विस्फोटों के बाद लेबनान की पार्टी हिज़बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरूल्लाह को मीडिया द्वारा आतंकवादी करार देने की कड़ी निंदा की और इस हरकत को एक जुर्म बताया। मजलिस -ए- उलेमा-ए-हिंद के सभी सदस्यों जिनमें मौलाना सैयद हुसैन मेहदी हुसैनी (अध्यक्ष) मुंबई, मौलाना सैयद मोहसिन तकवी (उपाध्यक्ष) दिल्ली, मौलाना सैयद नईम अब्बास (उपाध्यक्ष) नोगवाॅ सादात, मौलाना सैयद ताकी आगा हैदराबाद, मौलाना काजी गुलाम मेहदी खान चेन्नई, मौलाना सैयद करामत हुसैन जाफरी कश्मीर, मौलाना अजहर अली आबिदी कर्नाटक, मौलाना सैयद सफदर हुसैन जौनपुरी,मौलाना सैयद रजा हुसैन, मौलाना सैयद तसनीम मेहदी जैदपुरी, मौलाना निसार अहमद जैनपुरी ,मौलाना तकी हैदर दिल्ली,मौलाना आबिद अब्बस दिल्ली, समेत अन्य सदस्यों ने सैयद हसन नसरल्लाह के चरित्र को बदनाम करने के इस प्रयास की कडी निंदा की। उलेमा ने कहा कि यह एक अपराध है जिसके खिलाफ भारत सरकार और मीडिया की निगरानी करने वाली संस्थानों को कडी कार्रवाई करनी चाहिए। उलेमा ने कहा कि हमारा राष्ट्रीय मीडिया संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल नवाज़ी में इस तरह की हरकतें कर रहा है, जबकि पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ सैयद हसन नसरल्लाह की र्कुबानी और सेवाओं को जानती है, लेकिन इस्तेमारी शक्तियों के डर ने उनकी जुबान पर ताला लगा दिया है। उन्होंने कहा कि बेरुत बम विस्फोट को भारतीय मीडिया ने लेबनानी सरकार और वहाॅ की खुफिया एजेंसियों के विपरीत हिज़बुल्लाह को इसका ज़िम्मेदार बताया है,यह जुर्म है और लेबनानी जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले है। लेबनान सरकार ने एसा कोई बयान जारी नहीं किया है जिसमें हिज्बुल्लाह पर हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया गया हो। यह सरासर झूठ और निराधार खबर है जिसे भारतीय मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है। इसके खिलाफ, युवाओं को मीडिया की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए भारत सरकार और मीडिया की निगरानी करने वाली संस्थाओं को पत्र लिखना चाहिए।
मजलिसए उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कलबे जवाद नकवी ने मीडिया के इस ग़ेर जिम्म्ेदार व्यवहार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मीडिया को पता होना चाहिए कि हिजबुल्ला के महासचिव सैयद हसन नसरल्लाह एक लोकतांत्रिक देश में डेमोक्रेटिक पार्टी के महासचिव हैं। यह पार्टी लोकतांत्रिक चुनावों में भाग लेती है और संसद में इसके सदस्यों द्वारा जनता का प्रतिनिधित्व किया जाता है। औपनिवेशिक शक्तियों के इशारे पर ऐसी लोकतांत्रिक पार्टी को बदनाम करना एवं अमेरिका और इजरायल के दुष्ट प्रचार के तहत अबूबक्र बगदादी के साथ सैयद हसन नसरल्लाह की तुलना करना एक अक्षम्य अपराध है। मीडिया को सैयद हसन नसरल्लाह की सेवाओं और उसके निस्वार्थता कार्यों का अध्ययन करना चाहिए ताकि ऐसी गलती दोबारा न हो। सैयद हसन नसरल्लाह और उनके लोगों ने लेबनान और अन्य देशों में दाईश जेसे आतंकवदी संगठन को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अबूबक्र बगदादी और उसके जैसे अन्य आतंकवादियों के खिलाफ लडाई लडी है और कुर्बानियां दी हैं, इसलिए उन पर आतंकवाद का आरोप लगाना एक सोची समझी साजिश का नतीजा है। हमारा राष्ट्रीय मीडिया भी इस दुष्ट प्रचार का शिकार है और सैयद हसन नसरुल्लाह को बदनाम करने के लिये समाचारों और कार्यक्रमों का प्रसारण किया जारहा है। हम भारतीय मीडिया के इस गैरजिम्मेदाराना व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते है कि इन झूठी और निराधार खबरों का खंडन किया जाए और माफीनामा जारी किया जाए।
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