तहलका टुडे टीम
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कोरोना के कहर को देखते हुए संभवत: 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने के दौरान भारतीय मुसलमानो को लॉकडाउन के दिशा निदेर्शों एवं सामाजिक दूरी का पूरी ईमानदारी से पालन करते हुए अपने-अपने घरों पर ही इबादत करने का अनुरोध किया।
राज्यों के वक्फ बोर्डों की रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) केन्द्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष नकवी ने बताया कि राज्यों के विभिन्न वक्फ बोडोर्ं के तहत देश भर में 7 लाख से ज्यादा पंजीकृत मस्जिदें,ईदगाहें, इमामबाड़े,दरगाहें एवं अन्य धार्मिक संस्थान आते हैं। ज्ञात हो कि कोरोना के कहर के चलते सऊदी अरब सहित अधिकांश मुस्लिम देशों ने रमजान पर धार्मिक स्थलों पर इबादत, इफ्तार आदि पर रोक लगा दी है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न धर्मगुरुओं, सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों, राज्य वक्क बोर्ड के अधिकारियों-पदाधिकारियों से बात करने के बाद उनसे अपील की है, कि धार्मिक-सामाजिक संगठन एवं धर्मगुरु यह सुनिश्चित करें कि रमजान के महीने में मस्जिदों एवंअन्य धार्मिक स्थलों की जगह लोग अपने-अपने घरों पर रमजान की धार्मिक जिम्मेदारियों को पूरा करें।
नकवी ने बताया कि केन्द्रीय वक्फ परिषद के माध्यम से सभी राज्य वक्फ बोडोर्ं को निर्देशित किया गया है कि रमजान के पवित्र महीने में लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा-निदेर्शों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराये, किसी भी तरह से किसी भी धार्मिक स्थल पर लोगों के इकट्ठा होने से रोकने के प्रभावी उपाय करने होगें, सभी धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों एवं लोगों को स्थानीय प्रशासन की इस कार्य में मदद लेनी एवं देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि 08-09 अप्रैलको शब-ए-बारात के पवित्र मौके पर राज्य वक्फ बोडोर् के अतिसक्रिय प्रयासों और सामाजिक एवं धार्मिक लोगों के सकारात्मक कोशिशों से भारतीय मुसलमानों ने शब-ए-बारात के मौके पर अपने घरों पर ही इबादत और अन्य धार्मिक कार्यो को पूरा किया। शब-ए-बारात पर भारतीय मुसलमानों ने कोरोना के कहर को ध्यान में रखकर लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का जिस ईमानदारी के साथ पालन किया वह सराहनीय है। नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौती को ध्यान में रखकर देश के सभी मन्दिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चचोर्ं एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रम पूरी तरह रोक दिये गये हैं एवं लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का प्रभावी ढ़ंग से पालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में भी लाखों मस्जिद, दरगाहें, इमामबाड़े, ईदगाहे, मदरसे एवं अन्य धार्मिक स्थल हैं जहां रमजान के पवित्र महीने में इबादत, तराबी,इफ़्तार आदि का आयोजन होता है, जहाँ बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की परम्परा रही है। नकवी ने कहा कि राज्य वक्फबोर्डों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं अन्य बुद्धिजीवियों को घरों में ही रहकर सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन करना चहिए।