बाराबंकी की तरक्की की आत्मा,कुर्मी बिरादरी के साथ दस हज़ार से जायदा मुसलमानो को सरकारी नौकरी में भर्ती कराने वाले करिश्माई नेता बेनी प्रसाद वर्मा परमात्मा के हुए प्यारे,शनिवार को होगा लॉकडाउन के बाद भी मोहनलाल वर्मा डिग्री कॉलेज में अंतिम संस्कार

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तहलका टुडे टीम/रिज़वान मुस्तफ़ा

बाराबंकी-जिले में हज़ारो बेरोज़गारो को नौकरी देकर और ज़िले में तरक्की का दरिया बहाकर बाबू जी का ख़िताब पाने वाले कद्दावर किसान नेता राज्यसभा सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा का आज मेदान्ता में निधन हो गया, कल बाराबंकी में 12 बजे दिन में मोहनलाल डिग्री कॉलेज में  उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अरविंद सिंह गोप ने उनके निधन पर श्रद्धाजली दी है।

मालूम हो प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक मंत्री पदों पर रहकर यहाँ में रहकर यहाँ अपने मंत्रित्व काल मे जिले के लिए और अपने चाहने वालो के लिए बहूत कुछ किया,लेकिन वह समय ऐसा समय था जब जब यहाँ जनता उनको सर आंखों पर बैठाती थी और उनके एक इशारे पर किसी भी तरफ अपना रुख मोड़ देने पर हमेशा तैयार रहती थी।

बेनीप्रसाद वर्मा का जन्‍म 11 फरवरी 1941 को उत्‍तरप्रदेश के बाराबंकी जिले के सिरौली में हुआ था। पिता का नाम मोहनलाल वर्मा तथा माता रामकली वर्मा।

1956 में मालती देवी से विवाह हुआ तथा तीन पुत्र व दो पुत्रियां हैं। प्रारंभिक शिक्षा बाराबंकी से ही पूरी हुई। इसके बाद वे लखनऊ आ गए, जहां लखनऊ विश्‍वविद्यालय से बीए और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।

बेनीप्रसाद वर्मा इस वक़्त राज्य सभा सदस्य थे समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य थे और उनकी गिनती दिग्गज नेताओं में होती थी।

5 बार सांसद बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा थे। वह प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कई वर्षों तक लोक निर्माण विभाग मंत्री रहे। 2009 में उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थामा और 2009 के लोकसभा चुनाव में गोंडा से सांसद बनकर वह यूपीए-2 सरकार के दौरान इस्पात मंत्री भी रहे। 2016 में उन्होंने फिर से समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली।

उ1996 में वे संचार के स्‍वतंत्र राज्‍यमंत्री बने। इसी वर्ष संसदीय कार्य के राज्‍यमंत्री भी बने। 1996 में ही हुए लोकसभा चुनाव में वे फिर जीते। 1998 में उत्‍तरप्रदेश सपा पार्टी के प्रमुख सदस्‍य बने। इससे पहले वे समाजवादी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी थे।

बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र से 1998, 1999 और 2004 में पुन: जीत दर्ज की। 2004 में उत्‍तरप्रदेश सरकार में PWD  एक्‍साइज तथा संसदीय बोर्ड के मंत्री बने। 2007 में जनता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने।

इसी दौरान वे जेल, केन डेवलपमेंट तथा चीनी उद्योग मंत्री बने

बेनी प्रसाद वर्मा कई साल तक यूपी की सपा सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे। देवेगौड़ा सरकार के दौरान उन्होंने वर्ष 1996 से 1998 तक केंद्र में संचार मंत्री का पद संभाला। 1998, 1999, 2004 कैस
र्और 2009 में गोंडा से सांसद चुने गए, जबकि यूपीए सरकार के दौरान 12 जुलाई, 2011 को इस्पात मंत्री भी बनाए गए। पिछले लोकसभा चुनाव में हारने के बाद बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस में हाशिए पर थे।

बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे के लिए वर्ष 2007 में टिकट चाहते थे, लेकिन अमर सिंह की वजह से बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को टिकट नहीं मिल सका। इसी वजह से नाराज बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी और समाजवादी क्रांति दल बनाया। इसके बाद साल 2008 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
अपने सनसनीखेज़ बयानों को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहते हैं।

विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे बेनी
बेनी प्रसाद वर्मा राजनीतिक गलियारों में अपने विवादित बयानों के लिए काफी चर्चा में रहते थे। दिसंबर 2009 में उन्होंने लोकसभा में बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर विवादित बयान दिया जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ। बीजेपी ने लोकसभा की कार्यवाही बाधित कर दी जिसके बाद पार्टी आलाकमान के निर्देश पर उन्हें माफी मांगनी पड़ी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी बाद में सदन में बेनी प्रसाद वर्मा के बयान के लिए खेद जताया।

बेनीप्रसाद वर्मा ने बरदरी में चरण सिंह महाविद्यालय तथा गृह जिले बाराबंकी में मोहनलाल वर्मा शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की। पंसदीदा खेल शतरंज रहा है। यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, चीन, स्विट्ज़रलैंड आदि देशों की यात्राएं की हैं।

आज उनके निधन पर हज़ारो गमगीन बिलखते रोते लोग कॅरोना  की दहशत के बाद भी नज़र आये।

कल दोपहर में 12 बजे मोहन लाल वर्मा डिग्री कॉलेज बाराबंकी में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।

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