कश्मीर में अज़ादारी में आ रही रुकावटों को हटाने की मांग करते हुए बेकसूरों औरअजादारों पर की जा रही ज़्यादती से दुखी सेक्रेटरी तंजीमुल मकातिब हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद सफ़ी हैदर ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

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लखनऊ-पूरे देश मे कश्मीर में अज़ादारी पर लगाई गयी रोक और अजादारों के उत्पीड़न को लेकर आक्रोश व्याप्त है। इस स्थिति को देखते हुए 1200 मकतबों के बोर्ड तंज़ीमुल मकातिब के सेक्रेटरी रहबरे हिन्द हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद सफ़ी हैदर साहब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूरे हालात से अवगत कराते हुए अज़ादारी पर रोक हटाने और अजादारों को सिक्योरिटी मुहैय्या कराने की मांग की है।

हुज्जातुल इस्लाम मौलाना सैयद सफ़ी ने पत्र में लिखा है की रसूल-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सअवआ०स०के नवासे और हमारे तीसरे इमाम हज़रत हुसैन अ०स० ने आज से तक़रीबन चौदह सौ बरस पहले ज़ुल्म व सितम और दहशत गर्दी के ख़िलाफ़ कर्बला के मैदान में ऐसी क़ुर्बानी पेश की के उस के बाद जितने भी इंकिलाबात आए हर तहरीके इंकिलाब के सरबराह ने इमाम हुसैन अ०स० को ही अपने लिए आइडियल और नमूना बनाया ।

बाबा-ए-क़ौम आंजहानी महात्मा गांधी ने भी तहरीके आज़ादी में इमाम हुसैन अ०स० को ही अपने लिए आइडियल और नमूना बनाया ।
आज़ादी के बाद से आज तक हमेशा अय्यामे अज़ा यानी माहे मुहर्रम व सफ़र में इमाम हुसैन अ०स० की अज़ादारी के सिलसिले में हर हुकूमत ने हमारी हत्तल इमकान हिमायत की।

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मौलाना सफ़ी ने आगे लिखा अज़ादारी को अपनी जान से ज़्यादा अज़ीज़ रखते हैं। और तारीख़ की हक़ीक़त ये है कि अज़ादारी कभी रुकी नही है हालात चाहे जैसे भी रहे हों।

जितना देखने और सुनने में आ रहा है इससे ये लगता है कि आज कश्मीर में खाने पीने की कमी और क़ैद व बंद जैसी दूसरी सख्तियों के साथ अज़ादारी पर पाबंदी लगी हुई है।एडमिनिस्ट्रेशन अजादारी करने नही दे रहा है।

जिससे तमाम मुहिब्बाने इमाम हुसैन अ०स० खास कर हम शियों के मज़हबी व इंसानी जज़्बात को ठेस पहुँच रही है।
कश्मीर में अज़ादारी पर पाबंदी के सबब हमारी शिया क़ौम में बेचैनी बढ़ रही है और एक इज़तेराब कि कैफ़ियत है।

हमारे शिया जवान जो हमेशा से मुहिब्बे वतन और मुल्क व मिल्लत के हामी रहे हैं और कुर्बानियाँ दी हैं इनमें बेचैनी व इज़तेराब ज़्यादा है।हमें डर है कि कहीं ऐसा न हो कि ये अज़ादारी करने वाले जवान अज़ादारी न कर सकने से ज़्यादा बेचैन हो कर जज़्बात के धारे में बहने लगें और इनसे मुल्क व मिल्लत पर कोई आंच आए।जो एक बड़ा कौमी नुकसान होगा।

मौलाना सफ़ी ने पत्र में ये मांग की कश्मीर में अज़ादारी की मजालिस व जुलूस पर पाबंदी को हटाने के लिए बराहेरास्त इक़दाम करें और कश्मीर इंतेजामिया को हुक्म दें कि वो अज़ादारी के इनएक़ाद में शियों की हर मुमकिन मदद करे।

ताके सबका साथ सबका विकास का आप का सपना पूरा हो।

वही मौलाना सफ़ी हैदर ने पत्र मे मुल्क मुख़ालिफ़ साज़िशों की शदीद मज़म्मत करते हुए अपने अज़ीज़ वतन हिंदुस्तान के गोशह व किनार में इन्साफ अमन व चैन और भाईचारगी के माहौल की बरक़रारी की दुआ भी की हैं।

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