ईरान के पवित्र नगर क़ुम में उठी आफताबे शरीयत, मौलाना कल्बे जवाद नक़वी के समर्थन में आवाज़,धर्मगुरुओं और छात्रों के संगठनों ने की विशाल जनसभा,शैतानो में हड़कंप

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ईरान के पवित्र नगर क़ुम में मौजूद धर्मगुरुओं और छात्रों के सभी संगठनों ने मजलिसे ओलमाए हिन्द के आह्वान पर भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू मौलाना सैयद कल्बे जवाद नक़वी के समर्थन में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणतंत्र ईरान में दुनिया के लगभग सभी देशों के छात्र धार्मिक एवं एकेडमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पवित्र नगर क़ुम विश्व में धार्मिक शिक्षा का केंद्र माना जाता है। मजलिसे ओलमाए हिन्द की क़ुम शाखा, ईरान में धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर रहे भारतीय छात्रों का सबसे बड़ा संगठन माना जाता है। बुधवार को मजलिसे ओलमाए हिन्द की क़ुम शाखा के आह्वान पर दर्जनों संगठन भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद नक़वी के समर्थन में एकत्रित हुए और इमामे जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जवाद के ख़िलाफ़ कुछ शराराती तत्वों द्वारा की जा रही साज़िशों की कड़े शब्दों में निंदा की और भारत सरकार से षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

पवित्र नगर क़ुम में मौजूद सभी धार्मिक संगठनों की ओर से जारी बयान में आया है कि, इतिहास इस बात का साक्षी है कि सही और ग़लत का हमेशा से एक दूसरे के मुक़ाबले में रहे हैं और हर ज़माने में जब-जब किसी ने हक़ के लिए आवाज़ उठाई है तब-तब उसको ग़लत लोगों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इसी तरह अंतिम ईश्वरीय मोक्षदाता हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम जो इस समय दुनिया की नज़रों से ओझल हैं, उनकी ग़ैबत में ओलमाए हक़, आम लोगों को ईश्वर का सही रास्ता बताते हैं, लेकिन इस ज़माने में भी हमेशा की तरह ओलमाए हक़ के मुक़ाबले में शैतान के प्रतिनिधि आ जाते हैं और उनको इस्लाम और सत्य का प्रचार करने से रोकते हैं, लेकिन हमेशा की तरह अंत में जीत सच की होती है और शैतान के प्रतिनिधि को हार का मुंह देखना पड़ता है।

धार्मिक संगठनों के बयान में आया है कि जिस दौर से हम ग़ुज़र रहे हैं वह बहुत ही कांटो भरा दौर है, जहां क़दम-क़दम पर शैतान के प्रतिनिधि भेस बदल-बदल कर हमारे सामने आ रहे हैं। बयान में आया है कि इन परिस्थितियों में हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम पैग़म्बरे इस्लाम (स), उनके परिजनों और ओलमाए हक़ के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए ग़लत और सही के अंतर को महसूस करें और उन लोगों की पहचान करें जो चेहरे पर नक़ाब डालकर अलग-अलग भेस में मुसलमानों और विशेषकर शिया क़ौम में मतभेद पैदा कर रहे हैं। इस दौर में साम्राज्यवादी शक्तियों की रणनीति यह है कि जनता को धर्म और धार्मिक नेताओं से दूर रखा जाए और अगर कोई धार्मिक नेता आम जनता में लोकप्रियता प्राप्त कर लेता है तो उसकी लोकप्रियता को समाप्त करने के लिए अलग-अलग तरह की साज़िशें और हथकंडे इस्तेमाल किए जाते हैं। इस षड्यंत्र में जिसको सबसे अधिक टॉर्गेट किया जा रहा है वह है शिया समुदाय, शिया धर्मगुरु और शिया मुसलमान।

पवित्र नगर क़ुम में स्थित संगठनों ने अपने बयान में कहा है कि भारत में इस समय शैतान के प्रतिनिधि काफ़ी सक्रीय हैं और शिया मुसलमानों को उनके सच्चे धार्मिक नेताओं से दूर करने की साज़िशें रच रहे हैं। मौलाना कल्बे जवाद जो इस समय भारत में शिया मुसमलानों के वरिष्ठ धर्मगुरू हैं उनके पीछे भी शैतान के प्रतिनिधि पड़ गए हैं और न केवल भारतीय शिया मुसलमानों बल्कि इस देश के सभी मुसलमानों और इंसानों को एकजुट करने वाले मौलाना कल्बे जवाद पर तरह-तरह के बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी लोकप्रियता को कम करने और उनके द्वारा किए जा रहे सत्य के प्रचार के रास्ते में अड़चन पैदा करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। क़ुम में मौजूद धर्मगुरुओं और धार्मिक छात्रों के संगठनों ने एक ज़बान होकर इमामे जुमा लखनऊ पर लगाए जा रहे आरोपों को खारिज करते हुए ऐसे सभी लोगों की कड़े शब्दों में निंदा की और भारत सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के भ्रष्ट चेयरमैन सहित उन सभी लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जाए जो हमारे धर्मगुरू को बदनाम करने की साज़िश कर रहे हैं।

सभी संगठनों ने भारत की जनता विशेष कर शिया मुसलमानों से अपील की है कि मौलाना कल्बे जवाद के विरुद्ध की जा रही साज़िशों को बेनक़ाब करने के लिए एकजुट हों और एक साथ मौलाना कल्बे जवाद के समर्थन में ऐसे खड़े हो जाएं कि दुश्मन फिर कभी किसी सच्चे धर्मगुरू के ख़िलाफ़ षड्यंत्र करने के बारे में सोच भी न सके।

ईरान के पवित्र नगर क़ुम में हुई विशाल जनसभा में मजलिसे ओलमाए हिन्द क़ुम शाखा सहित तनज़ीमे असकरी, हौज़ए इल्मिया शहीद सालिस, इंडियन इस्लामिक स्टूडेंस यूनियन, ताहा फ़ाउंडेशन, हुदा मिशन, सैयदा ज़ैनब फ़ाउंडेशन फतेहपूर यूपी क़ुम शाखा, अलमुस्तफ़ा इस्लामिक फ़ाउंडेशन, सांस्कृतिक तनज़ीम इमाम हुसैन, अलअस्र फ़ाउंडेशन, अहलेबैत फ़ाउंडेशन और मुहिब्बाने आइम्मा के सभी पदाधिकारियों सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

बा शुक्रिया
Pars today

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