हेमा मालिनी ने दूसरी बार तो जयाप्रदा दल में आते ही लपक लिया टिकट।
हारने के बाद भी स्मृति ईरानी का टिकट रहा पक्का?
कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)- मो-9415156670
लखनऊ। भगवा राजनीति के सुपर हीरो रहे लालकृष्ण आडवाणी एवं डॉ मुरली मनोहर जोशी पर मुंबईया नायिकाओं का जलवा भारी पड़ गया ?जी हां जहां यह वरिष्ठ नेता भाजपा का टिकट पाने में नाकाम रहे वहीं हेमा मालिनी दूसरी बार तो जयाप्रदा ने भाजपा में आते ही दल का टिकट लपक लिया। जबकि नेतृत्व की विश्वासपात्र स्मृति ईरानी चुनाव हारने के बाद भी एक बार फिर से टिकट पाने में कामयाब रही।
राजनीति के रंग बड़े ही अजब और गजब होते हैं। ऐसा समय भी दृश्यमान होता है जब सियासत के हीरो एकाएक शून्य स्थिति तक पहुंच जाते हैं। भाजपा में अपना एक युग चलाने वाले पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी पर यह बात सटीक बैठती है! वरिष्ठ नेताद्वय को भाजपा नेतृत्व ने इस बार बुढ़ापे का हवाला देकर पार्टी के टिकट से वंचित कर दिया है ।यही नहीं दिलचस्प बात यह है कि अभी तक आडवाणी एवं जोशी पार्टी के स्टार प्रचारकों में भी अपनी जगह नहीं बना सके हैं। ऐसे कई मामले हैं जिन्हें लेकर भाजपा के अंदर सियासी पारा काफी गर्म है ।लेकिन कुछ वजनदार स्थितियों के चलते कईयों ने अपने होठों को सिल रखा है? सूत्रों के मुताबिक चुप्पी के इशारे नागपुर संघ मुख्यालय से हुए बताए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि टिकट उपरोक्त दोनों नेताओं का ही काटा गया है बल्कि पार्टी के अन्य कई बुजुर्ग नेताओं को भी घर में आराम करने को बैठा दिया गया है ।कई नेता ऐसे हैं जिन्होंने भाजपा नेतृत्व के दूत रामलाल का कहना मान कर यह घोषणा की है कि वह अब चुनाव नहीं लड़ना चाहते। कई अभी भी रहस्यमय चुप्पी साधे हुए हैं।
पार्टी के अंदर भाजपा के ही बड़े नेताओं के सियासी दरबारों में इस समय जमकर चूहलबाजी की जा रही है? विरोधी पार्टियों के नेता तो श्री आडवाणी एवं श्री जोशी के टिकट कटने पर तंज व्यक्त कर रहे हैं अलबत्ता भाजपा के अंदर भी इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। खबरीलाल के मुताबिक भाजपा के नेता आपसी बातचीत में यह कहते नजर आते हैं कि भगवा राजनीति के सुपर हीरो रहे लालकृष्ण आडवाणी एवं मनोहर जोशी मुंबई नगरी से राजनीति में आई हेमा मालिनी तथा जयाप्रदा एवं स्मृति ईरानी के आगे पानी मांग गए? जहां दोनों नेता टिकट ना पाने के चलते मायूस होकर रह गए वहीं दूसरी ओर हेमा मालिनी मथुरा से दूसरी बार टिकट पाने में कामयाब रही। जबकि चौंकाने वाली बात यह रही की अमर आशीर्वाद प्राप्त करके फिल्म अभिनेत्री पूर्व सांसद जयाप्रदा भाजपा का टिकट रामपुर से हथिया ले गई। भाजपा नेतृत्व की विश्वासपात्र स्मृति ईरानी को पराजित होने के बाद भी कमल के फूल का निशान पकड़ा दिया गया?
बाराबंकी में प्रियंका रावत एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज् का टिकट भी काटा जा चुका है। भाजपा के कार्यकर्ता नाम ना छापने की शर्त पर कहते हैं कि भैया अब तो आडवाणी जी एवं जोशी जी जैसे नेताओं का आभामंडल फिल्मी हीरोइनों के आगे भी जीरो हो चुका है । किसी भी राजनीतिक दल ने अपनी पार्टी के बुजुर्ग नेताओं का शायद ही ऐसा सम्मान किया हो पहले कभी ।एक कार्यकर्ता और आगे बढ़ा और वह बोला बूढ़े चेहरों में क्या रखा है। हेमा मालिनी हो या जयाप्रदा ,स्मृति ईरानी इनमें तो अभी भी भीड़ को खींचने का आकर्षण हैं।
गौरतलब यह भी हो कि स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई के विश्वासपात्र लालकृष्ण आडवाणी व डॉक्टर जोशी भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल नहीं है। प्रदेश स्तर तक के कई नेता इस सूची में तो शामिल किए गए हैं। परंतु उपरोक्त नेताओं का इसमें शामिल ना होना इस बात का साफ संकेत है कि इन दोनों नेताओं को कहीं न कहीं सुनियोजित ढंग से सक्रिय राजनीति से एकदम अलग किया जा रहा है। इन पर काफी दबाव बना था कि वे लोग पार्टी कार्यालय पहुंच कर यह कहे कि अब हम चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। लेकिन ना तो इसके लिए आडवाणी तैयार हुए और ना ही डॉक्टर जोशी। भाजपा में कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर टिकट को लेकर तूफानों का माहौल है।
भाजपा के रणनीतिकार कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी की सक्रियता के चलते खासे सतर्क हैं ।उधर दूसरी और कांग्रेसी दरबार में फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर शामिल हो चुकी है। उर्मिला कांग्रेस के वृद्ध नेताओं के लिए समस्या बनेगी या उनकी सारथी यह तो आने वाला समय ही बताएगा? लेकिन यह बात एकदम स्पष्ट नजर आ रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी एवं डॉ मुरली मनोहर जोशी पर हेमा मालिनी ,जयाप्रदा एवं स्मृति ईरानी का जलवा तो फिलहाल भारी पड़ ही गया है?