बरेली के अपराधियो हो जाओ होशियार ,अब आ रहे है श्रीप्रकाश शुक्ला और श्रीपति दाड़ी जैसे कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराने वाले ,राष्ट्रपति का चार बार वीरता का पुरस्कार पाने वाले DIG राजेश पांडेय

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लखनऊ-बरेली के अपराधियो होशियार हो जाओ अब आ रहे है Ips राजेश पांडेय Dig बनकर,cm योगी की संस्तुति पर चार बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार पाने वाले अब सम्भाल रहे हैं बरेली रेंज की कमान ।
सॉफ्टवेयर और एंटी टेरेरिस्ट स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर राजेश पांडेय लखनऊ में सीओ महानगर, सीओ हजरतगंज, सीओ कैसरबाग के साथ ही एडिशनल एसपी ईस्ट और एडिशनल एसपी क्राइम के पदों पर रह चुके हैं। राजेश पांडेय जिस समय कैसरबाग क्षेत्राधिकारी थे, उस समय यूपी में पूर्वांचल के माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का आतंक था। श्रीप्रकाश शुक्ला का आतंक खत्म करने के लिए 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एसटीएफ का गठन किया गया। गठन के साथ ही शासन ने एसटीएफ में अरुण कुमार को एसएसपी, सत्येंद्र वीर सिंह को एडिशनल एसपी और राजेश पांडेय को डिप्टीएसपी तैनात किया। इस तिकड़ी ने एसटीएफ में तैनाती के दौरान ही पहले श्रीप्रकाश शुक्ल के दाएं हाथ आनन्द पांडेय को दिल्ली में मार गिराया और कुछ दिनों बाद ही श्रीप्रकाश शुक्ला को गाजियाबाद की सीमा पर मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।

राजेश पांडेय के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ की कोलकाला में माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव के गुर्गों से दिनदहाड़े मुठभेड़ पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुकी है।
राजेश पांडेय को चार  बार राष्ट्रपति का गैलेंट्री अवार्ड मिल चुका है। राजेश पांडेय को भारत सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में एक साल के लिए कोसोवो में भी तैनात रहे।
इसी दौरान प्रदेश में आतंकवाद से निपटने के लिए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) का गठन किया गया। कोसोवो से वापस आते ही राजेश को एडिशनल एसपी एटीएस के रूप में तैनाती दी गई। इसी दौरान उन्होंने लंदन और पेरिस में मैंनेजमेंट कोर्स भी किया। आईपीएस संवर्ग में प्रमोशन के बाद राजेश पांडे एसटीएफ व एटीएस के साथ ही र एसपी रायबरेली,गोंडा,सहारनपुर एसएसपी लखनऊ, अलीगढ़ तथा मेरठ के पद पर रहे।

1999 में राष्ट्रपति का पहला वीरता पुरस्कार कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला एनकाउंटर।

2000 में राष्ट्रपति का दूसरा वीरता पुरस्कार लखनऊ के जनपथ क्षेत्र में एनकाउंटर।

2007 में राष्ट्रपति का तीसरा वीरता पुरस्कार लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी के एनकांउटर।

2008 में संयुक्त राष्ट्रका शांति सेना पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र सेना में सर्विस ऑफ पीस।

2005 में राष्ट्रपति का सराहनीय सेवा पुरस्कार पुलिस महकमे में बेहतर सेवा।

आईपीएस राजेश पांडेय पीपीएस सेवा 1989 में आए। 2005-06 में आईपीएस सेवा में आए। वह लंबे समय तक एसटीएफ के गठन से लेकर काफी बाद तक एसटीएफ में रहे। इसी बीच श्रीप्रकाश शुक्ला गैंग का सफाया हुआ और लगातार दो बार उन्हें राष्ट्रपति के आर नारायणन ने वर्ष 1999 व 2000 डीएसपी रहते वीरता पुरस्कार दिया। इसके बाद एएसपी रहते अब्दुल कलाम ने सराहनीय सेवा और फिर प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने वीरता पुरस्कार प्रदान किया था।

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