नई दिल्ली : भारत में हृदय से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तीन दशकों में भारतीयों में कोरोनरी धमनी रोगों (सीएडी) में 300 फीसदी की खतरनाक बढ़ोतरी देखी गई है। इस बीमारी के 2 से 6 प्रतिशत मरीज गांव में रहते हैं। शहरी भारत में ऐसे मरीजों की संख्या 4 से 12 प्रतिशत है। पहले माना जाता था कि धमनी रोग के लिए कलेस्ट्रॉल जिम्मेदार है
, लेकिन हाल के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कार्बोहाइड्रेट, रिफाइंड ऑइल और चीनी की वजह से बीमारी ज्यादा होती है और कलेस्ट्रॉल इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। अध्ययन में सामने आया है कि 60 प्रतिशत से अधिक ऊर्जा वाले कार्बोहाइड्रेट से तैयार खाद्य पदार्थ मृत्यु दर के जोखिम से जुड़े हुए हैं। भोजन में मौजूद कोलेस्ट्रॉल से ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है।
विशेषज्ञों के अनुसार कोरोनरी धमनी रोग तब होता है, जब दिल की मांसपेशियों में ब्लड सप्लाई करने वाली धमनी कठोर और संकरी हो जाती है। ऐसा कलेस्ट्रॉल और अन्य सामग्री की मौजूदगी के कारण होता है, जिसे प्लेक कहा जाता है। यह धमनियों की अंदर की दीवारों पर जम जाता है। इसे अथेरोस्क्लेरॉसिस कहा जाता है।
जैसे ही यह बढ़ता है, धमनियों से रक्त का बहना कम हो जाता है। नतीजा यह होता है कि हार्ट की मांसपेशियों को जरूरत के मुताबिक रक्त या ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। इससे सीने में दर्द हो सकता है या हार्ट अटैक आ सकता है। रिफाइंड ऑइल, चीनी और हाई कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार के परिणामस्वरूप ऑक्सिडेटिव तनाव और सूजन हो जाती है। धमनी रोग के लिए कुछ अन्य जोखिम कारकों में धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर, डायबीटीज या इंसुलिन रसिस्टेंस और हर वक्त बैठे रहने वाली जीवनशैली शामिल है।
इसके लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, दिल की अनियमित धड़कन, दिल तेजी से धड़कना, कमजोरी या चक्कर आना, मिचनी आना और पसीना आना शामिल है। कोरोनरी धमनी रोग न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि एक ऐसे मोड़ पर भी पहुंच सकता है, जहां व्यक्ति को आराम करते हुए भी इस्कैमिया हो सकता है। यह एक मेडिकल इमर्जेंसी है और इससे हार्ट अटैक हो सकता है।
इस्कैमिया दिल की बीमारी वाले किसी भी व्यक्ति में चेतावनी के बिना होता है। इसके साथ ही मधुमेह वाले लोगों में यह बेहद आम है। कोरोनरी धमनी रोग के लिए एंजियोप्लास्टी आसान इलाज है। यह प्रक्रिया हार्ट में रक्त की आपूर्ति करने वाली संकरी या ब्लॉक्ड रक्त वाहिकाओं को खोलने में मदद करती है।